मोदीनगर: मोदीनगर कस्बा बुधवार शाम उस वक्त हिल गया जब डेयरी संचालक रामकुमार उर्फ बबलू जाटव की हत्या कर दी गई। इस दुखद घटना ने समुदाय को झकझोर दिया और बड़े पैमाने पर जन आक्रोश पैदा कर दिया। 14 घंटे के हंगामे और रातभर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी के बाद हत्या के मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
घटना का विवरण
बुधवार शाम को रामकुमार अपने डेयरी फार्म के पास गंभीर रूप से घायल अवस्था में पाए गए थे। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हमलावरों ने उन पर गोलियां चलाईं और घटना स्थल से तुरंत भाग गए। रामकुमार को निकटवर्ती अस्पताल में ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। इस घटना के बाद गांव में भारी आक्रोश फैल गया और लोगों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया, दावा करते हुए कि रामकुमार को पहले से धमकियां मिल रही थीं जिन्हें गंभीरता से नहीं लिया गया।
रामकुमार के परिवार और गांव वालों ने छह लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने जांच के बाद अमित, राहुल और आशु को गिरफ्तार किया। पुलिस के अनुसार, आरोपियों के पास से एक देशी काटा और एक पिस्तौल बरामद हुई है और उन्होंने अपराध में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है।
जनता की प्रतिक्रिया और प्रदर्शन
घटना के बाद बुधवार रात को गांव वाले बड़ी संख्या में जुटे और रामकुमार की हत्या के विरोध में धरना दिया। उन्होंने एसएचओ को हटाने और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों से बात की और उन्हें निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया।
गुरुवार सुबह अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया ताकि स्थिति और न बिगड़े। प्रदर्शनकारी न्याय की मांग करते रहे और जब तक एसएचओ को नहीं हटाया जाएगा और सभी अपराधियों को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, तब तक धरना जारी रखने की चेतावनी दी।
गिरफ्तारी और जांच
गुरुवार सुबह पुलिस ने अमित, राहुल और आर्य को गिरफ्तार किया। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने हत्या में अपनी संलिप्तता स्वीकार की। पुलिस टीमें अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी हैं ताकि सभी दोषियों को गिरफ्तार किया जा सके।
समुदाय की न्याय की मांग
तीन आरोपियों की गिरफ्तारी ने परिवार और स्थानीय समुदाय को कुछ राहत दी है। हालांकि, एसएचओ को हटाने और भविष्य में सुरक्षा की गारंटी की मांग अब भी बनी हुई है। अधिकारियों ने इस मामले में तेजी से और निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है ताकि शांति बहाल की जा सके।
रामकुमार की हत्या ने सुरक्षा उपायों की आवश्यकता और आपराधिक गतिविधियों के प्रति तुरंत पुलिस कार्रवाई की अहमियत को उजागर किया है। अब स्थानीय प्रशासन पर विश्वास बहाल करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने का दबाव है।